Li-Fi टेक्नोलॉजी क्या है कैसे काम करता है (Wifi और Lifi में अन्तर)

टेक्नोलॉजी और इंटरनेट में बहुत तेजी से विकास होता जा रहा है, इसी बीच आपने इंटरनेट पर Li-Fi के बारे में भी जरुर सुना होगा. यह एक नवीनतम टेक्नोलॉजी है जिसमें आप लाइट के द्वारा इंटरनेट एक्सेस कर सकते हैं. अभी भी अनेक सारे लोग को Li-Fi की सही जानकारी नहीं है इसलिए वह इंटरनेट पर खोजते रहते हैं Li-Fi Kya Hai In Hindi.

अगर आपको भी Li-Fi के बारे में जानकारी नहीं है तो इस लेख को पूरा अंत तक पढ़ें, इसमें हमने आपको Li-Fi के विषय में सम्पूर्ण जानकारी दी है.

इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Li-Fi क्या है, Li-Fi काम कैसे करता है, Li-Fi का उपयोग क्या है, Li-Fi के फायदे नुकसान क्या है और Li-Fi तथा Wi-Fi में क्या अंतर हैं. तो बने रहें इस लेख में अंत तक, चलिए शुरू करते हैं बिना किसी देरी के इस लेख के.

Li-Fi टेक्नोलॉजी क्या है (Li-Fi Technology in Hindi)

Li-Fi जिसका कि पूरा नाम Light Fidelity है, यह एक प्रकार की टेक्नोलॉजी है जिसके द्वारा आप Wi-Fi की भांति ही वायरलेस तरीके से अपने डिवाइस जैसे कि स्मार्टफ़ोन, टेबलेट, लैपटॉप इत्यादि को इंटरनेट से कनेक्ट कर सकते हैं. Li-Fi में डेटा ट्रांसमिट Light के द्वारा किया जाता है, और इसमें LED Bulb राऊटर का काम करता है.

Li-Fi टेक्नोलॉजी क्या है कैसे काम करता है (Wifi और Lifi में अन्तर)

यह तकनीक बिल्कुल Wi-Fi की तरह ही है, लेकिन Wi-Fi की तुलना में बहुत अधिक स्पीड से डेटा ट्रांसमिट करने में सक्षम है. Li-Fi का इस्तेमाल उन स्थानों में किया जाता है जहाँ रेडिओ तरंगों में अवरोध उत्पन्न होता है, जैसे कि हवाई जहाज में.

Li-Fi का पूरा नाम (Li-Fi Full Form in Hindi)

Li-Fi का फुल फॉर्म Light Fidelity (लाइट फिडेलिटी) होता है इसे हिंदी में प्रकाश निष्ठा भी कहते हैं.

Li-Fi का इतिहास (History of Li-Fi Technology in Hindi)

साल 2011 में Edinburgh यूनिवर्सिटी के Professor Harald Haas ने Li-Fi तकनीकी के बारे में बात की थी, उन्हें ही Li-Fi टेक्नोलॉजी का जनक माना जाता है. साल 2013 में उनकी कंपनी ने Commercial रूप से दुनिया की पहली Li-Fi तकनीक को जारी किया था.

2011 में जब Harald Haas में लोगों को Li-Fi टेक्नोलॉजी से परिचित करवाया तो उसके बाद ही उन्होंने PureLiFi नाम की कंपनी की शुरुवात की. पहले इस कंपनी का नाम PureVLC था.

साल 2015 में Li-Flame को पेश किया गया, यह Li-Fi का पहला प्रोडक्ट था जो वायरलेस मोबाइल कम्युनिकेशन को सपोर्ट करता था.

2017 में LiFi-XC System को लांच किया गया, यह एक plug and play सिस्टम है जो कि USB डिवाइस के साथ काम करता है. भविष्य में इसे स्मार्टफ़ोन, लैपटॉप, टेबलेट आदि में integrate किया जा सकता है.

Li-Fi टेक्नोलॉजी में अभी भी विकास जारी है, ऐसा माना जा रहा है कि बहुत जल्दी ही यह टेक्नोलॉजी बहुत लोकप्रिय हो जायेगी और हर एक यूजर इसका इस्तेमाल कर पायेगा.

Li- Fi काम कैसे करती है (How Does Li-Fi Work in Hindi)

चूँकि Li-Fi और Wi-Fi टेक्नोलॉजी एक समान ही है इसलिए Li-Fi की कार्यप्रणाली भी Wi-Fi के समान ही है, क्योंकि दोनों में डेटा का ट्रांसमिशन Electro magnetic रूप में होता है. Wi-Fi में डेटा रेडिओ तरंगों के माध्यम से ट्रांसमिट होता है वहीं Li-Fi में डेटा प्रकाश के द्वारा ट्रांसमिट होता है.

जिस प्रकार Wi-Fi में राऊटर का इस्तेमाल किया जाता है ठीक उसी प्रकार Li-Fi में घरों में इस्तेमाल होने वाली LED Light, राऊटर का कार्य करती हैं.

Li-Fi में मुख्य रूप से तीन कॉम्पोनेन्ट का इस्तेमाल किया जाता है – Lamp Driver, LED Lamp और Photo Detector. इनके अलावा आपको इंटरनेट कनेक्शन की जरुरत भी होती है.

Lamp Driver के द्वारा इंटरनेट का Main Source जुड़ा रहता है, Lamp Driver के द्वारा प्राप्त इंटरनेट की इनफार्मेशन को LED lamp में भेजा जाता है जिसके बाद LED Lamp से निकलने वाले लाइट को Photo Detector Receive करता है और फिर लाइट सिग्नल को बाइनरी डेटा में ट्रांसमिट कर देता है और अंत में आगे स्मार्टफ़ोन, लैपटॉप या कंप्यूटर में डेटा प्रोसेस करने के लिए भेज देता है.

Li-Fi में डेटा प्रोसेसिंग की पूरी प्रक्रिया LED Lamp के On होने से होती है, यदि LED Light Off है तो आप इंटरनेट एक्सेस नहीं कर सकते हैं.

Li-Fi के उपयोग (Uses of Li-Fi in Hindi)

Li-Fi के कुछ प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं –

  • इसका उपयोग एयरलाइंस में किया जाता है क्योंकि यह अपने रडार जैसे रेडियो तरंगों पर निर्भर विमान के उपकरणों के साथ Interfere नहीं करता है.
  • Li-Fi का उपयोग समुद्र के नीचे की खोज में किया जाता है क्योंकि प्रकाश पानी के माध्यम से यात्रा कर सकता है.
  • Li-Fi का उपयोग हॉस्पिटल के ऑपरेशन थिएटर में किया जाता है क्योंकि प्रकाश का असर चिकित्सा उपकरणों पर बहुत कम पड़ता है.
  • Li-Fi का उपयोग कार्यालयों और घरों में डेटा ट्रांसमिशन और इंटरनेट ब्राउजिंग के लिए भी किया जाता है.

Li- Fi के फायदे (Advantage of Li- Fi in Hindi)

Li- Fi टेक्नोलॉजी के फायदे निम्नलिखित हैं –

  • Li- Fi में interference कम होता है.
  • Li- Fi टेक्नोलॉजी के द्वारा डेटा को सुरक्षित रूप से ट्रांसमिट किया जा सकता है, इसलिए हैकिंग जैसी गतिविधि को रोकने के लिए यह टेक्नोलॉजी बहुत फायदेमंद है.
  • Wi-Fi की तुलना में Li- Fi की स्पीड बहुत अधिक होती है.
  • चूँकि प्रकाश पानी के द्वारा ट्रेवल कर सकता है इसलिए समुद्रों के नीचे इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • Wi-Fi टेक्नोलॉजी की तुलना में Li-Fi सस्ती और कुशल तकनीक है.
  • Li- Fi के द्वारा हर प्रकाश स्रोत आपको इंटरनेट की सुविधा प्रदान कर सकता है

Li- Fi के नुकसान (Disadvantage of Li- Fi in Hindi)

Li- Fi के नुकसान निम्नलिखित हैं –

  • Li- Fi के द्वारा इंटरनेट एक्सेस करने के लिए किसी Light Source का होना आवश्यक है, बिना Light Source के आप Li- Fi टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.
  • Li- Fi की रेंज सीमित है, यह केवल 10 मीटर तक के एरिया को कवर कर सकता हैं.
  • Li- Fi कनेक्शन के लिए अलग से नेटवर्क बनाने की जरुरत होती है.
  • वर्तमान समय में Li- Fi को इनस्टॉल करना महँगा हो सकता है, लेकिन इस बात की अधिक संभावना है कि भविष्य में इस टेक्नोलॉजी में और भू सुधार होगा जिससे इसकी लागत को कम किया जा सकता है.

LiFi और WiFi में अंतर

Li-Fi और Wi–Fi के बीच प्रमुख अंतर को हमने नीचे टेबल के द्वारा आपको बताया है.

Li-Fi (Light Fidelity)Wi–Fi  (Wireless Fidelity)
Li-Fi टेक्नोलॉजी में डेटा का ट्रांसमिशन Light के माध्यम से होता है.Wi–Fi  टेक्नोलॉजी में डेटा का ट्रांसमिशन Radio  Wave के द्वारा होता है.
Li-Fi में डेटा ट्रांसमिट करने के लिए LED Bulb का इस्तेमाल किया जाता है.Wi–Fi  राऊटर के द्वारा डेटा ट्रांसमिट करता है.
Li-Fi का इस्तेमाल एयरलाइंस, पानी के नीचे की खोज, ऑपरेशन थिएटर, कार्यालय और घर में इंटरनेट ब्राउज़िंग के लिए किया जाता है.Wi-Fi Hotspot के द्वारा इंटरनेट एक्सेस किया जाता है.
डेटा ट्रांसमिट करने की स्पीड लगभग 1 Gbps होती है.150Mbps से लेकर अधिकतम 2Gbps तक की रेंज में डेटा ट्रांसमिट करने में सक्षम है.
Light को दीवारों से दूसरी तरफ जाने से रोका जाता है, इसलिए इसमें डेटा का संचरण सुरक्षित रहता है.रेडियो तरंगों को दीवार रोक नहीं सकती है, इसलिए डेटा को सुरक्षित करने के लिए अन्य टेक्नोलॉजी का सहारा लेना पड़ता है.
Li-Fi 10 मीटर तक Distance को ही कवर कर सकता है.Wi–Fi  लगभग 32 मीटर तक के Distance को कवर कर सकता है. (ट्रांसमिट पावर और एंटीना प्रकार के आधार पर अलग होता है)
Li-Fi में LED bulb, LED driver और photo detector कॉम्पोनेन्ट का इस्तेमाल किया जाता है.Wi–Fi  में राउटर, मॉडेम और एक्सेस पॉइंट इस्तेमाल किये जाते हैं.
इसकी frequency रेडिओ तरंगों की तुलना में 10 हजार गुना अधिक होती है.रेडिओ तरंगों की आवर्ती 2.4Ghz, 4.9Ghz और 5Ghz तक होती है.
Difference Between LiFi and WiFi In Hindi

FAQ for Li- Fi Technology in Hindi

Li- Fi टेक्नोलॉजी क्या है, समझाइये?

Li- Fi ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसके द्वारा Light के माध्यम से इंटरनेट एक्सेस किया जाता है.

Li- Fi का फुल फॉर्म क्या है?

Li- Fi का पूरा नाम Light Fidelity है.

Li- Fi का आविष्कार किसने किया?

Li- Fi का आविष्कार Professor Harald Haas ने 2011 में किया.

इन्हें भी पढ़े

निष्कर्ष: लाई फाई क्या है हिंदी में

तो यह थी Li–Fi Kya Hai In Hindi के विषय में सम्पूर्ण जानकारी. हमें पूरी उम्मीद है कि आपको इस लेख को पढने के बाद Li–Fi क्या है, यह काम कैसे करता है, इसका उपयोग कहाँ किया जाता है तथा Li–Fi और Wi-Fi में क्या अंतर है आदि विषयों में उपयोगी जानकारी प्राप्त हुई होगी.

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