कंप्यूटर क्या है परिभाषा, प्रकार, इतिहास, भाग, महत्व | Computer In Hindi

What Is Computer In Hindi: कंप्यूटर आज के Internet युग में कितना महत्वपूर्ण है ये तो आप सभी जानते होंगे, हर जगह कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है. लाखों लोगों के नौकरी की जगह आज कंप्यूटर ने ले ली है. इस युग में कंप्यूटर की जानकारी सभी को होना बहुत महत्वपूर्ण है. 

इसलिए कंप्यूटर के बारे में आपके नॉलेज को बढ़ाने के लिए हमने यह लेख लिखा है इस लेख के माध्यम से हम आपको computer Kya Hai In Hindi और कंप्यूटर के बारे में पूरी विस्तृत जानकारी देने वाले हैं यह सारी जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित होगी.

हमें पता है की आप सर्च इंजन पर यह खोज रहे है की “कंप्यूटर क्या होता है” इसलिए इस लेख में हमने कंप्यूटर के हर एक चीज के बारे में बताया है चाहे बात software की हो या Hardware की, या फिर कंप्यूटर के फायदे हो या नुकसान, कंप्यूटर का इतिहास से लेकर कंप्यूटर के भविष्य तक की सारी जानकारी इस लेख में हैं.

इस लेख को पढने के बाद कंप्यूटर के बारे में आप बहुत कुछ सीख जाओगे तो बिना किसी देरी के शुरू करते हैं इस लेख को और शुरुआत करते हैं कंप्यूटर क्या है हिंदी में पूरी जानकारी

कंप्यूटर क्या होता है (What Is Computer In Hindi) पूरी जानकारी हिंदी में
सामग्री की तालिका

कंप्यूटर क्या है (What is Computer In Hindi)

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो कई सारे उपकरणों से मिलकर बना होता है. कंप्यूटर अंग्रेजी के Compute शब्द से बना है जिसे हिंदी में गणना कहते हैं.

जो कंप्यूटर शुरुवात में बनाये गए थे वे सिर्फ calculation के लिए बनाये गए थे इसलिए कंप्यूटर को गणक यंत्र भी कहा जाता है. आधुनिक कंप्यूटर काफी Smart हैं जिसके माध्यम से हम कई काम मिनटों में कर सकते हैं. 

कंप्यूटर एक ऐसी मशीन है जो डेटा को इनपुट के रूप में स्वीकार करता है और फिर प्रोसेस करके आउटपुट में उसे रिजल्ट के रूप में दिखाता है. कंप्यूटर के बारे में और अधिक विस्तार से जानने के लिए लेख को पढ़ते रहें – 

What is Computer In Hindi

कंप्यूटर की परिभाषा (Definition of Computer In Hindi)

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो User के द्वारा दिए गए निर्देशों को इनपुट के रूप में ग्रहण करता है, और उसी के आधार पर Process करके सूचनाओं को आउटपुट के रूप में दिखाता है. 

Input डिवाइस  जैसे – Keyboard, Mouse. 

Output डिवाइस जैसे – Monitor 

कंप्यूटर का चित्र
कंप्यूटर का चित्र हिंदी में

कंप्यूटर का हिंदी में मतलब (Computer Meaning in Hindi)

कंप्यूटर English के शब्द Compute से बना है जिसका हिंदी में मतलब होता है गणना. इसलिए कंप्यूटर को हिंदी में गणक या संगणक कहते हैं. 

कंप्यूटर का हिंदी मतलब – संगणक, गणक यंत्र. 

कंप्यूटर का पूरा नाम (Computer Full Form In Hindi)

इन्टरनेट में आपको कंप्यूटर के अलग अलग Full Form देखने को मिलेंगे पर जो कंप्यूटर का प्रचलित Full Form है वह इस प्रकार से है – 

  • C – Commonly
  • O – Operated
  • M – Machine
  • P – Particularly
  • U – Used for
  • T – Technology
  • E – Educational
  • R – Research

Computer का  Full-Form – Commonly Operated Machine Particularly Used for Technology and Educational Research.

कंप्यूटर के आविष्कारक किसने किया था (Inventor of Computer In Hindi)

1823 ई में चार्ल्स बैबेज ने गणना मशीन बनाई थी जिसकी मदद से आधुनिक कंप्यूटर का विकास हो सका इसलिए Charles Babbage को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है. 

आधुनिक कंप्यूटर के विकास में कई लोगों का अहम् योगदान है. एलन ट्यूरिंग (Alan Turing) को आधुनिक कंप्यूटर का जनक कहा जाता है. 

कंप्यूटर के जनक (Father of Computer) – चार्ल्स बैबेज (Charles Babbage)

आधुनिक कंप्यूटर के जनक (Father of Marden Computer) – एलन ट्यूरिंग (Alan Turing)

कंप्यूटर का इतिहास / पीढियां ( Generation of Computer In Hindi)

कंप्यूटर की जनरेशन से पता चलता है कि कंप्यूटर कैसे विकसित हुवा और कभी जो कंप्यूटर बहुत बड़े हुआ करते थे आज वे कैसे इतने छोटे हो गए, और यह मानव की सबसे बड़ी जरुरत कैसे बन गया. कंप्यूटर के विकास को पांच पीढ़ियों में बांटा गया है. 

कंप्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation of Computer In Hindi) 1940 to 1956 

1940 से 56 तक विकसित हुए कंप्यूटर पहली पीढ़ी (First Generation ) के अंतर्गत आते हैं. इस जनरेशन के कंप्यूटर में circuitry के लिए vacuum tube और Memory के लिए Magnetic Drum का इस्तेमाल होता था.

 यह कंप्यूटर आकार में इतने बड़े होते थे कि एक पुरे कमरे के जितनी जगह घेर लेते थे. और इनमें Machine Language का इस्तेमाल किया जाता था. 

पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (First Generation Computer Example) – ENAIC, UNIVAC, EDVAC.

कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी ( Second Generation of Computer In Hindi) 1956 to 1963 

1956 से 63 तक बने बने कंप्यूटर दूसरी पीढ़ी (Second Generation) के अंतर्गत आते हैं. इस जनरेशन के कंप्यूटर में vacuum tube के स्थान पर Transistor का उपयोग किया गया, साथ में इनका आकार भी कम हो गया था. 

ये कंप्यूटर कम बिजली खर्च करते थे. इसमें इस्तेमाल होने वाली Programming COBOL, FORTRAN जैसे High Level Programming थी. 

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Second Generation Computer Example)  IBM 7094, CDC 1604, CDC 3600.

कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation of Computer In Hindi) 1964 to 1971 

1964 से 71 तक बने कंप्यूटर तीसरी पीढ़ी (Third Generation) के अंतर्गत आते हैं. इस जनरेशन के कंप्यूटर में Transistor की जगह Integrated Circuit (IC) का इस्तेमाल होने लगा. ये कंप्यूटर पहले दोनों जनरेशन के कंप्यूटर से Advance थे. 

IC के इस्तेमाल से कंप्यूटर का आकार और छोटा हो गया था, और इनमें डेटा इनपुट करने के लिए Keyboard, Mouse का इस्तेमाल होने लगा. 

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Third Generation Computer Example) – IBM 360, ICL 2900

कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Forth Generation of Computer) 1971 to 1985 

1971 से 1985 तक बने कंप्यूटर चौथी पीढ़ी के अंतर्गत आते हैं. इस जनरेशन के कंप्यूटर में Microprocessor का इस्तेमाल किया गया. इसमें एक Integrated Circuit के अंदर ही हजारों silicon chip को built किया गया. जिससे इन कंप्यूटर का आकर और छोटा हो गया.

ये कंप्यूटर बहुत Advance थे, ये आकर में छोटे होने के साथ – साथ टिकाऊ और सस्ते थे. इसी जनरेशन में Personal Computer भी बनने लगे. 

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Forth Generation Computer Example) – DEC 10, STAR 1000

कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी ( Fifth Generation of Computer ) 1985 to Present 

1985 के बाद के बने सभी कंप्यूटर पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर के अंतर्गत आते हैं. इस जनरेशन के कंप्यूटर ULSI (Ultra Large Scale Integration) तकनीकी से बनाये गए हैं जिसमें एक Microprocessor chip में लाखों Component को Built किया गया है.

 आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस होने के कारण आने वाले कंप्यूटर खुद से ही निर्णय लेने में सक्षम हो सकेंगे.

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Fifth Generation Computer Example) – Desktop, laptop

भारत में कंप्यूटर का इतिहास (Computer History India in Hindi )

भारत में पहला कंप्यूटर सन 1952 में कोलकाता के भारतीय विज्ञान संस्थान के अन्दर डॉ. Dwijish Dutta के द्वारा लाया गया था जो कि एक Analog Computer था. इसके बाद बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान के अन्दर एक Analog Computer लगाया गया था. 

लेकिन भारत में कंप्यूटर युग की वास्तव में शुरुवात 1956 में हुई, जब कोलकाता के विज्ञान संस्थान में HEC-2M नाम का कंप्यूटर लगाया गया था, इसे भारत का पहला Digital Computer भी कहा जाता है. इस कंप्यूटर के आने के बाद भारत जापान के बाद एशिया का दूसरा देश बन गया था जिसने कंप्यूटर तकनीकी का इस्तेमाल किया. 

इसके बाद 1966 में भारतीय सांख्यकी संस्थान कोलकाता और जावादपुर यूनिवर्सिटी ने मिलकर भारत में पहला Digital Computer बनाया था. जिसका नाम ISIJU था. जो एक Transistor युक्त कंप्यूटर था. 

इसके बाद भारत एक कंप्यूटर बनने लगे और भारत ने एक से बढ़कर एक सुपर कंप्यूटर बनाये. 

भारत में बने सुपर कंप्यूटर (Super computer made in India hindi)

भारत में बने सुपर कंप्यूटर की List – 

  • एका 
  • अनुपम अध्या
  • सागा 220 
  • परम युवा II 
  • आदित्य 
  • परम इशान 
  • प्रत्युष 
  • परम – सिद्धि

कंप्यूटर कैसे काम करता है (How Does Computer Work In Hindi)

कंप्यूटर की कार्यप्रणाली में 3 प्रक्रिया मुख्य रूप से होती है – सबसे पहले कंप्यूटर यूजर के द्वारा दिए गए निर्देश को लेता है फिर उसके बाद उसकी Processing करके डेटा को Output में दिखाता है. 

Input – यूजर Input के द्वारा कंप्यूटर को निर्देश देता है कि उसे किस प्रकार की Information चाहिए. Input Device जैसे  – Keyboard, Mouse.

Processing  – अब कंप्यूटर इनपुट किये गए निर्देश की Processing करता है. 

Output – इसके बाद कंप्यूटर Process किये गए डाटा को Output में रिजल्ट के रूप में दिखाता है. Output Device जैसे – Monitor, Speaker 

कंप्यूटर के प्रकार (Type of Computer In Hindi)

कंप्यूटर को उसकी कार्यप्रणाली और आकार के आधार पर बांटा गया है. 

कार्यप्रणाली के आधार पर कंप्यूटर 

कार्य पद्धिति के आधार पर कंप्यूटर को 3 भागों में बांटा जाता है. 

1 – Analog Computer (अनुरूप कंप्यूटर)

एनालॉग कंप्यूटर जो Information को Display करने के लिए Analog Signal का इस्तेमाल करते हैं उन्हें Analog Computer कहते हैं. 

इनका प्रयोग भौतिक मापन जैसे दाब को मापने, तापमान, लम्बाई, दिल कि धड़कन मापने के लिए किया जाता है. 

मरकरी, स्पीडोमीटर एनालॉग कंप्यूटर के उदाहरण हैं. 

2 – Digital Computer (अंकीय कंप्यूटर)

डिजिटल कंप्यूटर जो Information को Display करने के लिए Digit का इस्तेमाल करते हैं उन्हें Digital Computer कहते हैं.

ये Input किये गए डेटा को 0 और 1 के बीच में परिवर्तित करके Electronic रूप में दिखाते हैं. यह Information Text, Image, Graphic के रूप में दर्शाती है. 

डेस्कटॉप, कैल्कुलेटर डिजिटल कंप्यूटर के उदाहरण है.

3 – Hybrid Computer 

हाइब्रिड कंप्यूटर जो Information को Display करने के लिए Analog Signal और Digit दोनों का इस्तेमाल करते हैं उन्हें Hybrid Computer कहते हैं. 

ECG मशीन Hybrid Computer का उदाहरण है. 

आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार

आकार के आधार पर कंप्यूटर को 4 भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है – 

1 – Micro Computer (माइक्रो कंप्यूटर) 

माइक्रो कंप्यूटर जो आकार काफी छोटे होते हैं और इन्हें एक Desk में रखकर इस्तेमाल किया जा सकता है. इन्हें आज Personal Computer के नाम से भी जाना जाता है. ये मुख्य रूप से दैनिक जीवन में इस्तेमाल करने के लिए बनाये गए होते हैं. ये कंप्यूटर बहुत सस्ते में उपलब्ध हो जाते हैं. 

जैसे – Laptop, Desktop, Notebook, Tablet etc. 

2 – Mini Computer (मिनी कंप्यूटर)

मिनी कंप्यूटर मध्यम आकार के कंप्यूटर होते हैं, इनकी कार्य करने की क्षमता और इनका दाम दोनों माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में अधिक होता है. इस प्रकार के कंप्यूटर में एक समय में एक से अधिक इंसान काम कर सकते हैं. 

3 – Mainframe computer (मेनफ्रेम कंप्यूटर)

मेनफ़्रेम कंप्यूटर आकार में बड़े होते हैं, इनकी कार्य करने की क्षमता और इनका दाम दोनों मिनी और माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में अधिक होता है. 

ये कंप्यूटर बहुत शक्तिशाली होते हैं और एक साथ में कई काम कर सकते हैं. इस कंप्यूटर में एक साथ में हजारों व्यक्ति काम कर सकते हैं. 

4 – Super Computer (सुपर कंप्यूटर)

सुपर कंप्यूटर सबसे Fast और Powerful कंप्यूटर होते हैं, इनकी Speed बहुत अधिक होती है, और आकर में भी ये बड़े होते हैं. सुपर कंप्यूटर की कीमत भी अधिक होती है. इसका इस्तेमाल कुछ खास कामों के लिए किया जाता है – 

जैसे – मौसम की भविष्यवाणी, नुक्लिअर एनर्जी रिसर्च के लिए.

Desktop Computer (डेस्कटॉप कंप्यूटर)

ये कंप्यूटर सामान्यतः घर, ऑफिस में इस्तेमाल किये जाते हैं. Desktop Computer को एक व्यक्ति के काम करने के लिए बनाया गया है इसलिए इसे Personal Computer (PC ) भी कहा जाता है. इसे इस्तेमाल करने के लिए मॉनिटर, माउस, कीबोर्ड, CPU का इस्तेमाल होता है. 

Laptop (लैपटॉप) 

Laptop एक माइक्रो कंप्यूटर है जिसे इस्तेमाल करने के लिए किसी भी बाहरी उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है. कीबोर्ड, माउस, स्क्रीन सब इसमें पहले से ही फिट रहता है. ये Desktop से काफी छोटे होते हैं और इसे हम अपने साथ एक जगह से दूसरी जगह भी ले जा सकते हैं. 

कंप्यूटर के भाग (Part of Computer In Hindi)

कंप्यूटर एक पूरा System है जो कई प्रकार के Part से मिलकर बना होता है इन Part को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर कहते हैं. 

हार्डवेयर (Computer Hardware)

कंप्यूटर को काम करने के लिए कुछ उपकरणों की जरुरत होती है, इन उपकरणों के बिना कंप्यूटर एक कंप्यूटर नहीं होता है. ये सारे उपकरण मिलकर कंप्यूटर को बनाते हैं, इन्हीं उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है. कंप्यूटर के इस भाग को हम देख सकते हैं और हाथों से छु सकते हैं. ये भाग इस प्रकार से हैं – 

1 – Input  Device  (इनपुट डिवाइस)

इनपुट कंप्यूटर की वह इकाई होती है जो कंप्यूटर को निर्देश देने का काम करते हैं, कुछ महत्वपूर्ण इनपुट इकाई इस प्रकार हैं – 

  • Keyboard – कीबोर्ड को हिंदी में कुंजीपटल कहते हैं, कीबोर्ड की मदद से कंप्यूटर को Text के रूप में निर्देश देते हैं. Keyboard में Typing के द्वारा कंप्यूटर को निर्देश दिया जाता है. 
  • Mouse – माउस के द्वारा कंप्यूटर में कर्सर को एक स्थान से दुसरे स्थान में ले जाया सकता है और साथ में ही graphics के द्वारा कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए माउस का इस्तेमाल होता है. 
  • Touch Screen – यूजर के द्वारा अपने उँगलियों को कंप्यूटर में रखने के लिए टच स्क्रीन इनपुट डिवाइस का प्रयोग किया जाता है. 

2 – CPU (Central Processing Unit)

CPU कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण भाग होता है यह कंप्यूटर में सारी गतिविधियों को नियंत्रित करता है इसलिए इसे कंप्यूटर का मस्तिष्क भी कहा जाता है. CPU को हिंदी में केन्द्रीय प्रसंस्करण इकाई कहते हैं. CPU भी दो प्रकार के होते हैं- 

  • कण्ट्रोल मेमोरी – यह कंप्यूटर को दिए गए निर्देशों को नियंत्रित करता है. 
  • अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट (ALU) – यह अंकगणित क्रियाओं का संचालन करता है.

3 – Output Device (आउटपुट डिवाइस)

आउटपुट कंप्यूटर की वह इकाई होती है जो इनपुट के द्वारा प्राप्त निर्देशों को रिजल्ट के रूप में दिखाती हैं, कुछ महत्वपूर्ण आउटपुट डिवाइस इस प्रकार हैं – 

  • Monitor – मॉनिटर को Visual Display Unit (VDU) भी कहा जाता है, यह कंप्यूटर के द्वारा प्राप्त परिणाम को Soft Copy के रूप में प्रदर्शित करता है .  
  • Speaker – स्पीकर कंप्यूटर के द्वारा प्राप्त परिणाम को Voice के रूप में सुनाता है. 
  • Printer – प्रिंटर का प्रयोग कंप्यूटर से प्राप्त डेटा को कागज पर प्रिंट करने के लिए किया जाता है. 

4 – Memory (मेमोरी)

मेमोरी कंप्यूटर का वह भाग होती है जिसमें सभी प्रकार के डेटा को स्टोर करके रखा जाता है. Memory भी दो प्रकार की होती है. Primary Memory और Secondary Memory

Primary Memory – यह कंप्यूटर की Main Memory होती है, यह Direct CPU से जुडी रहती है. यह भी दो प्रकार की होती है. 

  • RAM ( Random Access Memory ) – RAM एक Temporary memory होती है जिसमें डेटा अस्थायी रूप से Store होता है. कंप्यूटर के सरे Software RAM में ही run होते हैं. Power Supply बंद होने पर इसमें Store सभी डेटा हट जाता है.
  • ROM ( Read Only Memory ) – ROM कंप्यूटर की Permanent memory होती है जिसमें डेटा स्थायी रूप से स्टोर रहता है. ROM में store डेटा को बदला नहीं जा सकता है इसमें डेटा निर्माता कंपनी के द्वारा फिक्स किया रहता है. Power Supply बंद होने के बाद भी इसमें Store डेटा सुरक्षित रहता है. 

Secondary Memory – यह भी एक Permanent Memory होती है जिसका प्रयोग डेटा के बैकअप के लिए किया जाता है. यह Non Volatile Memory है. जैसे – Hard Disk, सीडी.

5 – Motherboard (मदरबोर्ड)

मदरबोर्ड कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण भाग है इसमें सभी Important उपकरण जुड़े रहते हैं, जैसे CPU, BIOS, Keyboard, Mouse आदि. Motherboard सभी उपकरणों तक Power Supply पहुचाता है. 

सॉफ्टवेयर (Software)

कंप्यूटर Software प्रोग्राम का एक समूह होता है जो कंप्यूटर के कार्यों कण्ट्रोल करता है और कंप्यूटर को निर्देश देता है कि क्या करना है. Software के द्वारा ही यूजर कंप्यूटर में काम कर सकता है. बिना Software के कंप्यूटर मात्र एक लोहे का बॉक्स है. 

सॉफ्टवेयर को आँखों से नहीं देख सकते हैं और न ही इसे हाथ से छु सकते हैं. MS Word, Excel, Power Point सभी सॉफ्टवेयर हैं. सॉफ्टवेयर भी दो प्रकार के होते हैं –  System Software और Application Software

1 – System Software  (सिस्टम सॉफ्टवेयर)

यह सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को चलने और इसे नियंत्रण करने के लिए काम में आता है. यह भी चार प्रकार के होते हैं. 

  • Operating System – यह एक प्रकार का कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो यूजर और कंप्यूटर के बीच समन्वय बैठाता है. यह यूजर के द्वारा दिए गए निर्देशों को कंप्यूटर को समझाता है. जैसे – Windows, Android, iOS, Linux.
  • Utility Program – यह software कंप्यूटर की सुरक्षा के काम आते हैं. इसका Direct Hardware से कोई सम्बन्ध नहीं होता है.  जैसे – Anti Virus
  • Language Translator Software – ये software प्रोग्रामिंग भाषा का अनुवाद कंप्यूटर की मशीन भाषा में करते हैं. 
  • Device Driver – ये एक Special प्रकार के Driver होते हैं जो Input और Output उपकरणों को कंप्यूटर से जोड़ने का काम करता है. 

2 – Application Software (एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर)

Application Software वे software होते हैं जो यूजर को कंप्यूटर में काम करने के लिए स्वतंत्रता देते हैं. इनका सीधा सम्बन्ध User से होता है ये भी दो प्रकार के होते हैं. 

  • Basic Application Software – यह प्रोग्राम का वह समूह होता है जिसके द्वारा यूजर अपने सामान्य काम को करने के लिए प्रयोग में लाता है. जैसे – Word Processing Program, Web Designing Program, Multimedia program etc.
  • Special Application Software -किसी विशेष काम को करने के लिए यूजर के द्वारा प्रयोग किये जाने वाले software को Special Application Software कहते हैं. जैसे – Accounting software, Billing Software, Management System software. 

कंप्यूटर की विशेषताएँ (Feature of Computer In Hindi)

कंप्यूटर की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं – 

  • कंप्यूटर एक समय में लाखों गणनाएँ करने में सक्षम है जिसे मानव पुरे वर्ष में भी नहीं कर पाता. 
  • कंप्यूटर के External और Internal Storage में असीमित डेटा को स्टोर कर सकते हैं. 
  • कंप्यूटर के कार्य त्रुटिरहित होते हैं. अगर कंप्यूटर में कार्य में कोई गलती होती है तो वह इंसान के द्वारा Programming गलत करने से होती है.
  • आधुनिक कंप्यूटर एक साथ कई अलग – अलग कार्य करने में सक्षम हैं. 
  • कंप्यूटर के इस्तेमाल से समय की बचत हुई.
  • कंप्यूटर की मदद से घर बैठे पैसे कमा सकते हैं.

कंप्यूटर के उपयोग (Uses of Computer In Hindi)

आज कंप्यूटर के सब जगह उपयोग किया जाता है. यह मानव की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक बन गया है. कंप्यूटर का उपयोग अनेक जगह कर सकते हैं जैसे कि – 

1 – शिक्षा के क्षेत्र में – आज शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर एक अभिन्न हिस्सा बन गया है. कंप्यूटर की मदद से बच्चो की सीखने की क्षमता को बढाया जा सकता है. School में बहुत कुछ कार्यों के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है जैसे – रिपोर्ट बनाना, ऑनलाइन Exam करवाना. 

2 – बैंकिंग के क्षेत्र में – बैंक में लगभग सभी कामों के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है. जैसे Account Detail Check करना, पासबुक की प्रिंट निकलना ऐसे ही कई और कामों में कंप्यूटर इस्तेमाल होते हैं. 

3 – चिकित्सका के क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है. 

4 – विज्ञान के क्षेत्र में कंप्यूटर से अपार सफलता मिली. 

5 – ऑफिस में बिना कंप्यूटर के काम नहीं हो पाता है. 

6 – दैनिक जीवन में कंप्यूटर का उपयोग करना मावन की दिनचर्या में जुड़ गया है. 

7 – मनोरंजन में – अधिकतर लोग प्रतिदिन कंप्यूटर में गेम खेलकर मूवी देखकर अपना मनोरंजन करते हैं. 

8 – रक्षा और सैन्य के क्षेत्र में – कंप्यूटर ने रक्षा और सैन्य के क्षेत्र में अपना अहम् योगदान दिया है. दुशमन की मिसाइल को कंप्यूटर के माध्यम से ट्रैक करके नष्ट किया जाता है. 

9 – सरकारी कार्यालयों में – सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर के उपयोग ने जनता को सुविधा प्रदान कराई. 

10 – Bussiness में – व्यवसाय को बढ़ाने के लिए हर कारोबारी कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहा है, कंप्यूटर व्यवसाय के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण टूल बन गया है. 

कंप्यूटर का महत्व (Importance of Computer In Hindi)

आज के समय में इंसान के जीवन में हर समय कंप्यूटर की जरुरत होती है. घरों में, ऑफिस में, दुकानों में सब जगह कंप्यूटर देखने को मिल जाते हैं. चाहे आप एक विधार्थी हो, हाउसवाइफ हो, या ऑफिस में काम करने वाले इंसान हो सभी के जीवन में कंप्यूटर का अपना महत्व है.

छात्रों के जीवन में कंप्यूटर का महत्व 

आजकल छात्रों के जीवन में कंप्यूटर का अहम योगदान है. स्कूल के बच्चे कंप्यूटर से ही बहुत कुछ सीख लेते हैं. साथ में ही कंप्यूटर की मदद से तकनीकी क्षेत्र में छात्रों का ज्ञान बढ़ा है. 

कंप्यूटर की मदद से विधार्थी खुद को बेहतर बनाते जा रहे हैं वे इन्टरनेट की मदद से नयी – नयी चीजें सीखते हैं. इसलिए छात्रों के जीवन में कंप्यूटर का महत्वा विशेष है. 

शिक्षा में कंप्यूटर का महत्व 

कंप्यूटर छात्रों के साथ – साथ शिक्षक के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. कंप्यूटर ने शिक्षा पद्धति को बदल दिया है जहाँ पहले बच्चों की हाजिरी, परीक्षा के अंक, समय सारणी के लिए रजिस्टर का पर्योग किया जाता था वही आज इन रजिस्टर की जगह कंप्यूटर ने ले ली है.

कंप्यूटर के द्वारा ऑनलाइन क्लास भी चलाई जाती है जिससे घर से ही बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सके. शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का योगदान अमूल्य है. 

चिकित्सा के क्षेत्र में कंप्यूटर का महत्व 

चिकित्सा के क्षेत्र में भी कंप्यूटर ने अहम योगदान दिया है, रोगी की रिपोर्ट, डॉक्टर की समय सारणी, दवाओं का स्टॉक सभी में कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है. 

चिकित्सा के क्षेत्र में कंप्यूटर ने डॉक्टर और मरीज दोनों का काम आसान बना दिया है.

आधुनिक जीवन में कंप्यूटर का महत्व 

आज हर किसी के घर में लैपटॉप या डेस्कटॉप होता है. कंप्यूटर ने इंसान के जीवन को सरल और आसान बना दिया है. 

कंप्यूटर की मदद से आप अपने दूर बैठे रिश्तेदार से भी विडियो कालिंग के जरिये बातें कर सकते हैं. घर में बैठे – बैठे बोर होने पर कंप्यूटर को मनोरंजन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. अपने कई सारे काम कंप्यूटर की मदद से कर सकते हैं. 

बैंको में कंप्यूटर का महत्व

बैंक के बहुत सारे काम कंप्यूटर ने आसान बना दिए हैं. ग्राहकों के खाते की सारी जानकारी, लेन – देन से सम्बंधित जानकारी के लिए बैंकों में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है. इन सब के अलावा कंप्यूटर ने हर एक क्षेत्र में अपना मूल्यवान योगदान दिया है इसलिए कंप्यूटर का महत्व सभी जगह है.

कंप्यूटर के फायदे (Advantage of Computer In Hindi)

  • कंप्यूटर में कोई डेटा को स्टोर करके रखा जा सकता है.
  • कंप्यूटर मानव के काम को आसान बनाता है.
  • कंप्यूटर की मदद से सेकंड में कोई भी काम कर सकते हैं.
  • एक समय में कंप्यूटर में कई अलग – अलग काम कर सकते हैं.  
  • यह एक मशीन है इसलिए यह काम करने में थकती नहीं है हम जितना मर्जी उतना काम कंप्यूटर से करवा सकते हैं. 
  • इन्टरनेट में मौजूद देश – दुनिया की जानकारी आप घर बैठे देख सकते हो.
  • आपके मनोरंजन का साधन है.

कंप्यूटर से हानियाँ (Disadvantage of Computer In Hindi)

जहाँ एक और कंप्यूटर के बहुत सारे फायदे हैं वहीँ दूसरी ओर इसके कुछ नुकसान भी हैं – 

  • अधिक कंप्यूटर के प्रयोग से आखों को नुकसान पहुचता है.
  • सुरक्षा का खतरा बना रहता है क्योकि लोग अपने कंप्यूटर में अपनी पर्सनल जानकारी रखते हैं इसलिए हैकर आपकी जानकारी हासिल करने आपको नुकसान पंहुचा सकते हैं.
  • बिना काम के कंप्यूटर को इस्तेमाल करने से समय की बर्बादी होती है.
  • कंप्यूटर के आने से बहुत सारी नौकरियां ख़त्म हो गयी जिससे बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ रही है. 

कंप्यूटर का भविष्य (Future of Computer In Hindi) 

तकनीकी और मानव की आवश्यकता के अनुसार कंप्यूटर में भी विकास तेजी से हो रहा है. कहाँ एक समय पहले कंप्यूटर एक घर के जितने बड़े होते थे और कहाँ आज आसानी से एक हाथ में आ जाते हैं. 

अभी Artificial Intelligence पर बहुत अधिक ध्यान दिया जा रहा है इसलिए भविष्य में ऐसे कंप्यूटर आयेंगे जो खुद ही काम कर सकेंगे. मानव को इसके नुकसान भी झेलने को मिल सकते हैं पर साथ में ही भविष्य के कंप्यूटर से मानव की बहुत सारी समस्या सुलझ जाएगी. 

कंप्यूटर क्या होता है?

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो डेटा को इनपुट के रूप में स्वीकार करती है और रिजल्ट को आउटपुट के रूप में दिखाती है.

कंप्यूटर का हिंदी में क्या नाम है?

कंप्यूटर को हिंदी में संगणक कहते हैं.

कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया?

कंप्यूटर का अविष्कार चार्ल्स बैबेज ने किया.

आधुनिक कंप्यूटर का जनक किसे कहते हैं?

एलन ट्यूरिंग को आधुनिक कंप्यूटर का जनक कहा जाता है.

भारत ने पहला कंप्यूटर कब आया था?

भारत में 1952 में कोलकाता के भारतीय विज्ञान संस्थान में पहला कंप्यूटर लाया गया था.

भारत में बना पहला कंप्यूटर कौन सा है?

सिद्धार्थ भारत में निर्मित पहला कंप्यूटर है.

दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर कौन सा है?

दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर Cray – 1 है जिसे 1976 में Cray कंपनी द्वारा बनाया गया था.

कंप्यूटर प्रोसजर स्पीड की मापक इकाई क्या है?

कंप्यूटर प्रोसजर स्पीड को हर्ट्ज़ (Hz) में मापते हैं.

Personal Computer क्या होता है?

वे कंप्यूटर जो किसी एक व्यक्ति के प्रयोग करने के लिए डिज़ाइन किये होते हैं उन्हें Personal Computer कहते हैं. जैसे – Desktop, Laptop.

कंप्यूटर के कितने भाग होते हैं?

कंप्यूटर के मुख्य रूप से दो भाग होते हैं – Hardware और Software.

हार्डवेयर क्या है और यह कितने प्रकार का होता है?

कंप्यूटर का वह भाग जिसे देख सकते हैं हार्डवेयर कहलाता है, यह मुख्य रूप से पांच प्रकार का होता है. पहला – Input Device, दूसरा – Output Device, तीसरा – CPU, चौथा – Memory, पाचवां – Motherboard.

सॉफ्टवेयर क्या है और यह कितने प्रकार का होता है?

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर का वह भाग होता है जिसे हम देख नहीं सकते हैं, यह दो प्रकार के होते है – Operating System और Application.

CPU के कितने भाग होते हैं?

CPU के दो भाग होते हैं – अर्थमेटिक लॉजिक यूनिट ( ALU ) और कण्ट्रोल मेमोरी.

कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है?

कंप्यूटर का पूरा नाम Commonly Operated Machine Particularly Used for Technology and Educational Research है.

computer system क्या है?

computer system hardware और software के संयोजन को कहा जाता है.

Analog Computer क्या है?

वे कंप्यूटर जिनका प्रयोग भौतिक मात्राओं को मापकर उनके परिणाम को Analog Signal के रूप में दर्शाता है उसे Analog Computer कहते हैं.

आकार के आधार पर कंप्यूटर कितने प्रकार का होता है?

आकर के आधार पर कंप्यूटर 4 प्रकार का होता है – माइक्रो कंप्यूटर, मिनी कंप्यूटर, मेनफ्रेम कंप्यूटर और सुपर कंप्यूटर.

हमने सीखा: कंप्यूटर क्या है पूरी जानकारी हिंदी में

इस लेख के माध्यम से हमने आपको कंप्यूटर के बारे में विस्तृत जानकारी दी है जिसे पढने के बाद आप लोग समझ गए होंगे कि Computer Kya Hai In Hindi और कंप्यूटर से समबन्धित बहुत सारी चीजों के बारे में आपको जानने को मिला होगा. इस लेख What Is Computer in Hindi को अपने दोस्तों के साथ जरुर साझा करें, और लेख के बारे में अपनी प्रतिकिया भी दें.

8 thoughts on “कंप्यूटर क्या है परिभाषा, प्रकार, इतिहास, भाग, महत्व | Computer In Hindi”

    • आपके सभी सवालों के जवाब हमने पिछले लेख में दे रखा है इसलिए इन्हें पढ़े –
      शुरुआत से ब्लॉग्गिंग शुरू कैसे करें
      ब्लॉग से कितने पैसे मिलते है

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  1. कंप्‍यूटर के बारे बेहतरीन जानकारी दी गई हैं जिसको को पढ़ने के बाद कंप्‍यूटर के बारे अच्‍दे से जाकनारी को प्राप्‍त किया जा सकता हैं। धन्‍यवाद

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  2. धन्यवाद आपकी इस वेबसाइट पर “कंप्यूटर क्या है?” के विषय में बहुत ही सरल और सुविधाजनक भाषा में जानकारी दी गई है। यह उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है जो कंप्यूटर के बारे में नए हैं और इसके बेसिक ज्ञान को समझना चाहते हैं। साथ ही, वेबसाइट का डिजाइन सरल और सुंदर है, जिससे नेविगेशन में कोई भी कठिनाई नहीं होती।

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