आईएसडीएन कनेक्शन क्या है काम कैसे करता है (ISDN और PSTN कनेक्शन में अंतर)

ISDN Connection in Hindi: इंटरनेट के कनेक्शन प्रकार में से एक लोकप्रिय कनेक्शन ISDN कनेक्शन है जिसके बारे में आपको आज के इस लेख में जानने को मिलेगा. इस लेख में हम आपको ISDN Connection क्या है, ISDN के प्रकार, ISDN कनेक्शन काम कैसे करता है, ISDN का इतिहास, ISDN और PSTN में अंतर तथा ISDN कनेक्शन के फायदे और नुकसानों के बारे में जानकारी देने वाले हैं.

आपके बता दें ISDN कनेक्शन इंटरनेट एक्सेस करने का एक माध्यम है जिसका इस्तेमाल आज के समय में बहुत कम ही देखने को मिलता है. 1990-2000 के दशक में ISDN इंटरनेट एक्सेस और कनेक्शन करने का एक लोकप्रिय तरीका था.

ISDN कनेक्शन की पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक पढ़ना जारी रखें. तो चलिए आपका अधिक समय लिए बिना शुरू करते हैं इस लेख को – आईएसडीएन कनेक्शन क्या है हिंदी में.

ISDN Full Form in Hindi

ISDN का फुल फॉर्म Integrated services digital network होता है जिसे कि हिंदी में “एकीकृत सेवा डिजिटल प्रसार” कहते हैं.

आईएसडीएन कनेक्शन क्या है काम कैसे करता है (ISDN और PSTN कनेक्शन में अंतर)

आईएसडीएन कनेक्शन क्या है (ISDN Connection in Hindi)

ISDN एक डिजिटल सर्किट स्विच टेलीफोन नेटवर्क सिस्टम है जिसका प्रयोग हम डाटा और आवाज को डिजिटल ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है.

ISDN कनेक्शन से हमे तेज गति का ट्रांसमिशन तो मिलता है लेकिन अगर इसकी तुलना leased line से की जाए तो तो ये काफी पीछे है. ISDN कनेक्शन मे साधरण टेलीफोन लाइन का ही प्रयोग होता है जो की कॉपर  या तांबे के बने होते है.

ISDN की मुख्य विशेषता ये है की ये एक ही समय मे दो कनेक्शन को हमारे पास भेजता है जैसे की आपको वीडियो कंफ्रेस करना है एक से ज्यादा नेटवर्क को आपस मे जोड़ता है, ISDN पूरी तरह से Digital सिग्नल का प्रयोग करता है यहाँ एनालॉग सिग्नल की कोई जरूरत नही होती है जिस कारण ये एक बहुत अच्छी आवाज को प्रदान करता है.

ISDN कनेक्शन को खास इसलिए design किया है ये आवाज और डाटा को एक साथ एकसेस करता है. अगर हम बात करे इसकी स्पीड की तो ये 64 kbps तक डाटा ट्रांसफर रेट को support करता है.

ISDN में कितने चैनल का प्रयोग होता है

अगर हम बात करे ISDN के काम करने की तो इसमें दो प्रकार के चैनल का प्रयोग होता है

B चैनल (B CHANNEL)

B चैनल का पूरा नाम bearer चैनल है इसका प्रयोग डाटा और आवाज को भेजने के लिए किया जाता है.

D चैनल (D CHANNEL)

D चैनल का पूरा नाम delta चैनल है इसका प्रयोग सिग्नल को कंट्रोलिंग, काँनेक्टिंग, dis-connecting के लिए किया जाता है.

ISDN कनेक्शन का इतिहास

ISDN के इतिहास की शुरुवात होती है 1988 मे जब CCITT संगठन द्वारा इसको बनाया गया लेकिन 1990 तक इसका उतना प्रयोग नही किया गया. 1990 के बाद से इसको प्रयोग मे लाना शुरू किया. 1990-2000 के समय यह एक इंटरनेट सेवा काम करती थी जिसे Dial-up internet access के तेज विकल्प के रूप मे पेश करने लगे लेकिन आज शायद ही कही ISDN को internet access के रूप मे प्रयोग करते होंगे लेकिन आज भी कही कही नेटवर्क कनेक्शन के लिए ISDN का प्रयोग करते है.

ISDN कनेक्शन काम कैसे करता है

अब बात करते है ISDN कनेक्शन काम कैसे करता है सबसे पहले isdn कनेक्शन को लगाने के लिए कॉपर टेलीफोन लाइन की जरूरत होती है फिर ISDN कॉपर टेलीफोनिक लाइन को अलग-अलग  चैनल मे बाट देता है.

ये सारे चैनल एक साथ एक ही लाइन मे काम करते है जिस से कई फोन एक लाइन को उपयोग करके कॉल करने और प्राप्त करने की अनुमति देते है, ISDN को pots लाइन से कनेक्ट किया जाता है और एक ही बार मे दोनो फोन तक पहुँचा जा सकता है.

ISDN कनेक्शन इनस्टॉल करने के लिए ISDN एडेप्टर की आवश्यकता दोनों end पर होती है, यानि यूजर के साथ – साथ इंटरनेट एक्सेस प्रोवाइडर को भी ISDN एडेप्टर की जरुरत होती है.

ISDN कनेक्शन के प्रकार (Types of ISDN connection)

ISDN कनेक्शन के प्रकार की बात करे तो ये दो प्रकार के होते है जो कि निम्नलिखित है –

#1 BRI (Basic rate interface)

BRI का पूरा नाम basic rate interface है इसका प्रयोग ज्यादातर छोटे स्तर मे किया जाता है जैसे घर, छोटे दफ्तर आदि स्थानों मे किया जाता है. अगर बात करे BRI के कनेक्शन के बारे मे इसमें दो B चैनल और एक D चैनल का प्रयोग करते है और इसकी अधिकतम स्पीड 128kbps तक होती है और ये थोड़ा सस्ता भी होता है.

#2 PRI (Primary rate interface)

PRI का पूरा नाम Primary Rate Interface है और इसका उपयोग बड़े कंपनी मे किया जाता है जैसे BPO, मल्टीनेशनल कंपनी मे किया जाता है क्योंकि इसकी स्पीड अधिक है. इसकी अधिकतम स्पीड 2.95 mbps की है जो की बड़े कंपनी के लिए मददगार साबित होती है बात करे PRI की सर्किट की इसमें दो 23 B चैनल और एक D चैनल का प्रयोग होता है. 

ISDN और PSTN कनेक्शन में अंतर

ये दोनों कनेक्शन एक – दुसरे से बिल्कुल विपरीत हैं. ISDN कनेक्शन और PSTN के बीच कुछ अंतर निम्नलिखित हैं –

ISDN कनेक्शनPSTN कनेक्शन
ISDN का पूरा नाम Integrated services digital network है.PSTN का पूरा नाम public switched telephone network है.
ISDN लाइन डिजिटल होते है.PSTN लाइन ANALOG होते है.
ISDN का प्रयोग हम बड़े-बड़े कंपनी मे कर सकते है.PSTN का प्रयोग सिर्फ हम छोटे कंपनी मे करते है.
ISDN की स्पीड PSTN से अधिक है.PSTN की स्पीड कम है.
ISDN डाटा और आवाज दोनो को ट्रांसफर करता है.PSTN सिर्फ आवाज को ट्रांसफर करता है.
Difference Between ISDN and PSTN Connection In Hindi

ISDN कनेक्शन के फायदे (Advantage of ISDN Connection)

ISDN कनेक्शन के कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं –

  • ISDN का सबसे बड़ा फायदा ये है की ये डिजिटल कनेक्शन है जिसके कारण आवाज की जो गुणवत्ता है अच्छी होती है.
  • ISDN कनेक्शन एक साथ आवाज, Video, डाटा को एक ही लाइन मे ला सकता है.
  •  ISDN हाई डाटा ट्रांसफर रेट देता है.
  • ISDN मे सारे device जैसे कंप्यूटर, Card Reader, रेजिस्टर आदि को एक ही सिंगल लाइन मे जोड़ सकते है.

ISDN कनेक्शन के नुकसान (Disadvantage of ISDN Connection)

ISDN कनेक्शन में अनेक सारी कमियां थी। ISDN के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं –

  • आज के समय में ISDN की तुलना में अधिक स्पीड वाले कनेक्शन मौजूद हैं.
  • ISDN की कीमत अधिक है जिस से कि इसको कम ही प्रयोग किया जाता है.
  • ISDN को बनाने के लिए बहुत से स्पेशल device की जरूरत होती है जो हर जगह नही मिल पाती है।
  • ISDN का installation बहुत समय लेता है जो कि Business के लिए सही नही है.

FAQs:  ISDN Meaning in Hindi

ISDN का फुल फॉर्म क्या है?

ISDN का फुल फॉर्म Integrated services digital network होता है.

ISDN का मतलब क्या होता है समझाइये?

ISDN एक इंटरनेट कनेक्शन है जो यूजर को मानक टेलीफोन लाइन में डेटा, voice या विडियो कंटेंट भेजने की अनुमति देता है.

ISDN कनेक्शन की स्पीड कितनी होती है?

ISDN कनेक्शन 64 Kbps प्रति चैनल की स्पीड से डेटा ट्रान्सफर कर सकते हैं. आज के समय में अधिकांश ISDN 128 Kbps की स्पीड से डेटा ट्रान्सफर करने के लिए दो चैनलों का उपयोग करते हैं.

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अंतिम शब्द: आईएसडीएन कनेक्शन क्या है हिंदी में

आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हमने आपको ISDN Kya Hai In Hindi की पूरी जानकारी दी है और हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख को अंत तक पढने के बाद आप ISDN कनेक्शन को अच्छी प्रकार से समझ गए होंगें.

यदि अभी भी आपके मन में ISDN कनेक्शन को लेकर कोई संदेह हैं तो हमें निसंकोच कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं. अगर आपको इस लेख में दी गई जानकारी पसंद आई तो इसे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें.

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