मशीनी भाषा क्या है हिंदी में (Machine Language In Hindi)

Machine Language In Hindi: इंटरनेट युग में मशीन भाषा या Machine Language शब्द से आपको यह तो समझ में आ ही रहा होगा कि यह ऐसी भाषा है जिसे मशीनों के लिए उपयोग किया जाता है. पर क्या आप वास्तव में जानते हैं Machine Language क्या है, Machine Language का उपयोग क्यों किया जाता है, Machine Language के कितने हिस्से होते हैं और Machine Language के लाभ व हानि क्या हैं?

अगर आप Machine Language के बारे में उपरोक्त सभी जानकारी प्रपात करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको यह लेख पूरा अंत तक पढना होगा.

जिस प्रकार इंसानों को आपस में संवाद करने के लिए एक भाषा की जरुरत होती है जिससे कि वह सामने वाले के निर्देशों को समझ सके और उसके अनुरूप कार्य कर सके, ठीक इसी प्रकार से कंप्यूटर या मशीन को भी निर्देश देने के लिए एक विशेष भाषा की जरूरत होती है जिसे Machine Language कहते हैं.

Machine Language 0 और 1 के रूप में होती है इसे बाइनरी डिजिट या बाइनरी कोड भी कहते हैं. Machine Language के बारे में विस्तृत जानकारी पढने के लिए लेख को पढना जारी रखें.

मशीनी भाषा क्या है हिंदी में (What Is Machine Language In Hindi)

तो चलिए हम शुरू करते हैं आज के इस लेख को और जानते हैं Machine Language हिंदी में विस्तार से.

मशीनी भाषा क्या है (What is Machine Language in Hindi)

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि ऐसी प्रोग्रामिंग भाषा जिसे केवल कंप्यूटर या मशीन समझ सकते हैं उसे मशीनी भाषा कहते हैं. Machine Language एक निम्न स्तर की प्रोग्रामिंग भाषा है जो कि बायनरी डिजिट (0 और 1 के form) में लिखा जाता है. कंप्यूटर बायनरी कोड में लिखी गयी इस भाषा को समझता है. यह कंप्यूटर की बुनियादी भाषा होती है.

मशीनी भाषा में केवल दो अंकों का प्रयोग किया जाता है 0 और 1, प्रत्येक डिजिट को Bit के नाम से जाना जाता है. कंप्यूटर का सर्किट इस बायनरी कोड को समझाता है. बायनरी कोड में 0 का मतलब off, false या low होता है और 1 का मतलब on, true या high होता है.

एक प्रोग्रामर कंप्यूटर प्रोग्राम को High Level Language  में लिखता है जैसे HTML, C++, Java, Python आदि. लेकिन CPU इन प्रोग्राम को समझ नहीं पाता है, इसलिए इन High Level Language  को Machine Language में बदलने की आवश्यकता होती है. इन्हें बदलने के लिए कम्पाइलर की आवश्यकता होती है.

मशीनी भाषा के उदाहरण (Example of Machine Language in Hindi)

मशीनी भाषा को कुछ इस तरह से लिखा जाता है –

Binary SystemDecimal System
0000
0011
0102
0113
1004
1015
1106
1117
10008
10019
101010
Example of Machine Language in Hindi

Binary System का इस्तेमाल करके हम कंप्यूटर को तो आसानी से समझा सकते हैं, लेकिन एक प्रोग्रामर के लिए मशीनी भाषा में कोड लिखना बहुत Time Consuming है, क्योंकि मशीनी भाषा में कोड लिखने के लिए प्रोग्रामर को कंप्यूटर के पुरे Hardware Structure के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए और अनेकों मशीनी निर्देशों को संख्या के रूप में याद रखना होता.

इसलिए कंप्यूटर वैज्ञानिकों ने अनुवादक का आविष्कार किया. जिससे कि प्रोग्रामर उच्च स्तरीय भाषा में कोडिंग करके कंप्यूटर को बाइनरी कोड में समझा सकता है.

निम्न स्तरीय भाषा क्या है (Low Level Language in Hindi)

जैसा कि हमने जाना मशीनी भाषा एक Low Level Language होती है, इसलिए इसे जानना भी जरुरी है.

Low Level Language ऐसी प्रोग्रामिंग भाषा को कहते हैं जिसमें Language को मशीनी संकेतों में बदलने के लिए किसी भाषा अनुवादक (Language Translator) की आवश्यकता नहीं होती है.

मशीनी भाषा को मशीनी संकेतों में बदलने के लिए भी किसी प्रकार के अनुवादक की जरुरत नहीं होती है इसलिए मशीनी भाषा को निम्न स्तरीय भाषा कहते हैं. अर्थात मशीनी भाषा को कंप्यूटर स्वतः ही समझ जाते हैं इसके कोड को अनुवाद करने की आवश्यकता नहीं होती है.

उच्च स्तरीय भाषा क्या है (High Level Language in Hindi)

High Level Language ऐसी प्रोग्रामिंग भाषा को कहते हैं जिसमें Language को मशीनी संकेतों में बदलने के लिए भाषा अनुवादक की जरुरत पड़ती है. High Level Programming Language जैसे Java, HTML, C++ आदि को मशीनी संकेतों में बदलने के लिए भाषा अनुवादक Compiler or Interpretor का इस्तेमाल किया जाता है.

मशीनी भाषा के भाग (Part of Machine Language in Hindi)

मशीनी भाषा के मुख्य रूप से दो हिस्से होते हैं –

  • क्रिया संकेत
  • स्थिति संकेत

क्रिया संकेत कंप्यूटर को यह बताता है कि कौन सा काम करना है जबकि स्थिति संकेत कंप्यूटर को बताता है कि आकड़ें कहाँ से प्राप्त करने हैं, कहाँ स्टोर करना है.

मशीनी भाषा के फायदे (Advantage of Machine Language in Hindi)

मशीनी भाषा के लाभ निम्न लिखित हैं –

  • मशीनी भाषा को कंप्यूटर बहुत आसानी से समझ सकते हैं.
  • मशीनी भाषा में किसी अनुवादक की जरुरत नहीं होती है, कंप्यूटर सीधे इस भाषा को समझ सकते हैं.
  • कंप्यूटर के लिए मशीनी भाषा बहुत कुशल है.

मशीनी भाषा के नुकसान (Disadvantage of Machine Language in Hindi)

मशीनी भाषा की हानि नीचे दिए गए हैं –

  • प्रोग्रामर को मशीनी भाषा में कोडिंग करने के लिए कंप्यूटर निर्देशों के सभी कोड संख्या के रूप में याद करने होंगे.
  • प्रोग्रामर को सभी memory addresses और Hardware Structure को याद रखना होगा.
  • चूँकि मशीनी भाषा में सभी कोड संख्या (0 और 1) के रूप में लिखे रहते हैं, इसलिए इसमें error को खोज पाना और प्रोग्राम में संशोधन करना बहुत मुश्किल काम है.
  • मशीनी भाषा में प्रोग्राम लिखना बहुत Time Consuming है इसलिए वर्तमान समय में मशीनी भाषा में कोड नहीं लिखे जाते हैं.

मशीनी भाषा से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

मशीनी भाषा क्या होती है?

मशीनी भाषा एक ऐसी Language होती है जिसे कंप्यूटर या मशीन समझते हैं. यह 0 और 1 के रूप में होती है. इसे बाइनरी कोड भी कहा जाता है. यह मशीन की बुनियादी भाषा होती है.

मशीनी भाषा के कौन से दो हिस्से होते हैं?

मशीनी भाषा में प्रत्येक निर्देश के दो हिस्से होते हैं क्रिया संकेत और स्थिति संकेत. क्रिया संकेत कंप्यूटर को बताता है कि क्या करना है और स्थिति संकेत कंप्यूटर को बताता है कि आकड़ें कहाँ से प्राप्त करने हैं.

मशीनी भाषा का उपयोग क्यों किया जाता है?

कंप्यूटर या अन्य मशीन जिस भाषा को समझते हैं उसे मशीनी भाषा कहते हैं, कंप्यूटर से कोई भी कार्य करने के लिए उपयोग किया जाता है.

मशीनी अनुवाद क्या है?

कंप्यूटर की उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषा को कंप्यूटर निर्देशों या मशीनी भाषा में बदलने की प्रक्रिया को मशीनी अनुवाद कहते हैं.

मशीनी भाषा में 0 और 1 का मतलब क्या होता है?

मशीनी भाषा में 0 का मतलब of तथा 1 का मतलब on होता है.

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इस लेख को पढने के बाद आप लोग समझ गए होंगे कि Machine Language Kya Hai In Hindi और इसके लाभ व हानि क्या हैं. Machine Language कंप्यूटर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, अगर मशीनी भाषा नहीं होती तो हम कंप्यूटर या अन्य मशीन से संवाद नहीं कर सकते थे.

हमें पूरी उम्मीद हैं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया यह लेख जरुर पसंद आया होगा, अगर आप इस लेख में कुछ सुझाव n=हमें देना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में लिखकर दे सकते हैं और अंत में आपसे निवेदन है कि इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें.

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