चुम्बकीय डिस्क क्या है और मैग्नेटिक डिस्क काम कैसे करता है (Magnetic Disk In Hindi)

Magnetic Disk Kya Hai In Hindi: हम अपने कंप्यूटर में डेटा को स्टोर करने के लिए अनेक प्रकार के स्टोरेज डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं, जैसे हार्ड डिस्क, ऑप्टिकल डिस्क, SSD आदि. लेकिन तब भी अनेक सारे ऐसे स्टोरेज डिवाइस होते हैं जिनके बारे में हमें अच्छी तरह से पता नहीं होता है. उन्हीं में से एक स्टोरेज डिवाइस है मैग्नेटिक डिस्क.

क्या आप जानते हैं Magnetic Disk क्या है, मैग्नेटिक डिस्क कितने प्रकार के होते हैं, मैग्नेटिक डिस्क कैसे काम करता है, मैग्नेटिक डिस्क के फायदे और नुकसान क्या है तथा मैग्नेटिक डिस्क और ऑप्टिकल डिस्क में अंतर क्या है.

अगर आप मैग्नेटिक डिस्क के बारे में उपर्युक्त सवालों का जवाब जानना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही लेख पर पहुंचे हैं. इस लेख के माध्यम से हम आपको मैग्नेटिक डिस्क के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की है जिससे कि आपके सारे Doubt दूर हो सके.

तो चलिए बिना समय गंवाए शुरू करते हैं इस लेख को और जानते हैं मैग्नेटिक डिस्क क्या है इन हिंदी.

चुम्बकीय डिस्क क्या है, प्रकार और मैग्नेटिक डिस्क काम कैसे करता है (Magnetic Disk In Hindi)

चुम्बकीय डिस्क क्या है (What Is Magnetic Disk In Hindi)

मैग्नेटिक डिस्क जिसे चुम्बकीय डिस्क कहते है एक सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस होती है जो डेटा को read, rewrite और access करने के लिए मैग्नेटाइजेशन प्रोसेस का इस्तेमाल करता है. मैग्नेटिक डिस्क को चुम्बकीय कोटिंग से कवर किया जाता है, यह डेटा को ट्रैक, स्पॉट और सेक्टर के रूप में स्टोर करता है.

RAM की तुलना में मैग्नेटिक डिस्क की कीमत कम होती है और यह अधिक मात्रा में डेटा को स्टोर भी कर सकती है. लेकिन सेकेंडरी मेमोरी होने के कारण इसमें डेटा एक्सेस करने की दर मुख्य मेमोरी की तुलना में धीमी होती है.

मैग्नेटिक डिस्क को डेटा को आसानी से modify और delete किया जा सकता है. इसके अलावा मैग्नेटिक डिस्क में डेटा को Random Access भी किया जा सकता है. मैग्नेटिक डिस्क एक non volatile मेमोरी है.

हिंदी में Magnetic Disk को चुम्बकीय डिस्क भी कहते हैं. हार्ड डिस्क, ज़िप डिस्क और फ्लॉपी डिस्क मैग्नेटिक डिस्क के सामान्य उदाहरण हैं.

मैग्नेटिक डिस्क काम कैसे करता है (How Does Magnetic Disk Work in Hindi)

मैग्नेटिक डिस्क एक गोलाकर प्लैटर होती है जो CD के समान दिखाई देती है. सभी प्लैटर का व्यास 1.8 से 5.25 इंच तक होता है. प्रत्येक प्लैटर की सतह संकेंद्रित वृतों में विभाजित रहती है जिसे ट्रैक कहा जाता है. सबसे बाहरी ट्रैक का नंबर 0 होता है और सबसे अन्दर का ट्रैक अंतिम ट्रैक होता है.

ट्रैक को आगे सेक्टर में विभाजित किया जाता है. डिस्क पर डेटा सेक्टर में स्टोर किया जाता है, सेक्टर सबसे छोटी इकाई होती है जिसे पढ़ा या लिखा जा सकता है. एक डिस्क में प्रति ट्रैक आठ या अधिक सेक्टर होते हैं

प्लैटर की उपरी और निचली सतह चुम्बकीय पदार्थ से कवर रहती है जिससे कि प्लैटर के दोनों तरफ डेटा को स्टोर किया जा सकता है. मैग्नेटिक डिस्क को एक्सेस के लिए मैग्नेटिक डिस्क ड्राइव में डाला जाता है, ड्राइव में एक read – write head होता है जो कि एक डिस्क आर्म से जुड़ा होता है, जो हेड को मूव करता है. डिस्क आर्म डिस्क पर अंदर और बाहर जा सकता है. Read – write head मैग्नेटिक डिस्क का महत्वपूर्ण भाग होता है जो कि डेटा को read और write करने का कार्य करता है.

मैग्नेटिक डिस्क के प्रकार (Type of Magnetic Disk in Hindi)

मैग्नेटिक डिस्क मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है –

  • हार्ड डिस्क
  • फ्लॉपी डिस्क
  • ज़िप डिस्क

1 – हार्ड डिस्क (Hard Disk)

हार्ड डिस्क कंप्यूटर में एक सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस होता है जिसमें कि डेटा को स्टोर किया जाता है. हार्ड डिस्क मैग्नेटिक डिस्क का एक प्रकार है, यह भी Non – Volatile मेमोरी होती है. पॉवर सप्लाई बंद हो जाने पर भी इसमें डेटा नष्ट नहीं होता है.

हार्ड डिस्क में डेटा तब तक बना रहता है जब तक कि यूजर जानबूझकर इसे डिलीट न कर दे. हार्ड डिस्क में डेटा को बड़ी मात्रा में स्टोर किया जा सकता है. हार्ड डिस्क की स्टोरेज क्षमता 20 TB तक हो सकती है. हार्ड डिस्क को चलाने के लिए एक ड्राइवर होता है जिसे कि HDD (Hard Disk Drive) कहते हैं.

2 – फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)

फ्लॉपी डिस्क सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस मैग्नेटिक डिस्क का एक प्रकार है जिसका इस्तेमाल डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है. फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है. फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता इसके आकार पर निर्भर करती है.

मार्किट में 3 अलग – अलग प्रकार के फ्लॉपी डिस्क उपलब्ध हैं जिनमें से 8 इंच फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता 80KB, 5.25 इंच फ्लॉपी डिस्क की क्षमता 800KB और 3.5 इंच फ्लॉपी डिस्क की स्टोरेज क्षमता 1.44 MB होती है.वर्तमान समय में फ्लॉपी डिस्क का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है. Floppy Disk के लिए जो डिस्क ड्राइव होते हैं उन्हें Floppy Driver कहा जाता है.

3 – ज़िप डिस्क (Zip Disk)

ज़िप डिस्क भी एक सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है जो कि फ्लॉपी डिस्क से थोडा advance है. ज़िप डिस्क की स्टोरेज क्षमता 100 MB से लेकर 250 MB तक होती है. Zip डिस्क को चलाने के लिए Zip Drive का इस्तेमाल किया जाता है. वर्तमान समय में ज़िप डिस्क का इस्तेमाल भी बहुत कम होता है.

मैग्नेटिक डिस्क की विशेषताएं (Feature of Magnetic  Disk in Hindi)

मैग्नेटिक डिस्क की निम्न विशेषताएं हैं –

  • मैग्नेटिक डिस्क एक सस्ती स्टोरेज डिवाइस है.
  • मैग्नेटिक डिस्क सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है.
  • मैग्नेटिक डिस्क एक Non – Volatile Memory होती है.
  • मैग्नेटिक डिस्क में बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर किया जा सकता है.
  • डेटा को frequently read / write करने के लिए मैग्नेटिक डिस्क Suitable है.
  • मैग्नेटिक डिस्क में डेटा स्टोर करने के लिए धुल मुक्त वातावरण की जरुरत होती है.
  • मैग्नेटिक डिस्क में डेटा को लम्बे समय के लिए स्टोर किया जा सकता है.

मैग्नेटिक डिस्क के फायदे (Advantage of Magnetic Disk in Hindi)

मैग्नेटिक डिस्क के अनेक फायदे हैं जैसे कि –

  • मैग्नेटिक डिस्क बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर कर सकता है.
  • मैग्नेटिक डिस्क में मैग्नेटिक टेप की तुलना में डेटा ट्रान्सफर की दर बेहतर होती है.
  • मैग्नेटिक टेप की तुलना में डिस्क में Data corruption की संभावना बहुत कम होती है.
  • चूँकि मैग्नेटिक डिस्क non volatile memory होती है, इसलिए पॉवर सप्लाई ऑफ हो जाने पर भी इसमें स्टोर डेटा नष्ट नहीं होता है.
  • मैग्नेटिक डिस्क में डेटा को Randomly भी Access किया जा सकता है जिससे डेटा एक्सेस का time कम होता है.
  • मैग्नेटिक डिस्क में डेटा को जरुरत पड़ने पर अपडेट भी किया जा सकता है.
  • मैग्नेटिक डिस्क की कीमत RAM से कम होती है.
  • मैग्नेटिक डिस्क एक किफायती मेमोरी है.
  • मैग्नेटिक डिस्क एक reliable मेमोरी होती है.

मैग्नेटिक डिस्क के नुकसान (Disadvantage of Magnetic Disk in Hindi)

मैग्नेटिक डिस्क के कुछ नुकसान भी होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

  • मैग्नेटिक टेप की तुलना में मैग्नेटिक डिस्क की कीमत महंगी होती है.
  • मैग्नेटिक डिस्क में डेटा स्टोर करने के लिए साफ़ और धूल मुक्त वातावरण की जरुरत होती है.
  • मैग्नेटिक टेप की तुलना में मैग्नेटिक डिस्क कम पोर्टेबल होता है.
  • हेड क्रैश हो जाने पर डेटा नष्ट होने का खतरा रहता है.
  • डेटा के sequential access के लिए मैग्नेटिक डिस्क उपयुक्त नहीं है.

मैग्नेटिक डिस्क और ऑप्टिकल डिस्क में अंतर (Magnetic Disk and Optical Disk in Hindi)

मैग्नेटिक डिस्क और ऑप्टिकल डिस्क दोनों की सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस हैं जिनका इस्तेमाल डेटा को लम्बे समय तक स्टोर करने के लिए किया जाता है. इन दोनों में कुछ समानताएं भी है, लेकिन दोनों डिस्कों के बीच में काफी अंतर हैं.

मैग्नेटिक डिस्क और ऑप्टिकल डिस्क के बीच अंतर को नीचे सारणी में बताया गया है –

मैग्नेटिक डिस्कऑप्टिकल डिस्क
इस्तेमाल किया जाने वाला मीडिया टाइप Multiple fixed disk होता है.उपयोग किया जाने वाले मीडिया टाइप Single removable disk होता है.
सैंपल दर Low है.सैंपल दर उच्च है.
डेटा को randomly access करने के लिए Implementation किया जाता है.Streaming files के लिए Implementation किया जाता है. 
ट्रैक Circular होते हैं.Spiral या circular ट्रैक होते हैं.
एक समय में एक डिस्क का इस्तेमाल किया जाता है.बड़े पैमाने पर replication संभव है. 
डेटा को randomly access किया जा सकता है.डेटा को sequentially access किया जाता है.
(Magnetic Disk and Optical Disk in Hindi)

मैग्नेटिक डिस्क से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

मैग्नेटिक डिस्क किस प्रकार का डिवाइस है?

मैग्नेटिक डिस्क एक स्टोरेज डिवाइस है.

मैग्नेटिक डिस्क किसका उदाहरण है?

मैग्नेटिक डिस्क एक Non volatile memory का उदाहरण है.

मैग्नेटिक डिस्क के उदाहरण क्या हैं?

मैग्नेटिक डिस्क के उदाहरण हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क हैं.

मैग्नेटिक डिस्क का उपयोग क्यों किया जाता है?

मैग्नेटिक डिस्क एक सेकेंडरी मेमोरी डिवाइस है जिसका इस्तेमाल डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है. मैग्नेटिक डिस्क में डेटा को permanent स्टोर किया जा सकता है.

इन्हें भी पढ़े 

आपने सीखा: चुम्बकीय डिस्क क्या है हिंदी में

इस लेख के माध्यम से हमने आपको Magnetic Disk Kya Hai In Hindi के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करने की कोशिश की है. इस लेख में आपको मैग्नेटिक डिस्क के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला होगा और इस लेख को पढने के बाद आपको इन्टरनेट पर मैग्नेटिक डिस्क के बारे में खोजने की जरुरत नहीं पड़ेगी.

उम्मीद करते हैं आपको हमारे सभी लेखों की तरह यह लेख भी पसंद आया होगा, आप इस लेख को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों के साथ भी जरुर शेयर करें और इसी प्रकार के ज्ञानवर्धक लेख पढने के लिए हमारे ब्लॉग Techshole में आते रहिये.

Techshole इंडिया की Best हिंदी ब्लॉग में से एक बनने की दिशा में अग्रसर है. यहाँ इस ब्लॉग पर हम Blogging, Computer, Tech, इंटरनेट और पैसे कमाए से सम्बन्धित लेख साझा करते है.

Leave a Comment