ऑप्टिकल डिस्क क्या है इसके प्रकार (Optical Disk Drive In Hindi)

Type Of Optical Disk Drive In Hindi: आप गोल चमकदार दिखने वाली डिस्क से परिचित तो होंगे जिसकी मदद से हम मूवी, गेम, गाने आदि को स्टोर करके रखते थे. ये CD या DVD होते थे जिन्हें ऑप्टिकल डिस्क कहा जाता है.

आज के इस लेख में हम आपको Optical Disc क्या है, ऑप्टिकल डिस्क में डेटा स्टोर कैसे होता था, ऑप्टिकल डिस्क को किसने बनाया, ऑप्टिकल डिस्क के प्रकार, ऑप्टिकल डिस्क के फायदे और नुकसानों के बारे में बताएँगे.

आज से 5 – 10 साल पहले लगभग सभी लोग इस डिस्क का इस्तेमाल करते होंगे लेकिन आज यह डिस्क कहीं गायब सी हो गयी है. इन्टरनेट के प्रचलित होने से सभी चीजें इन्टरनेट पर उपलब्ध मिल जाती है इसलिए वर्तमान समय में CD, DVD में मूवी स्टोर करके लाने का समय भी चला गया है.

इस लेख में आपको ऑप्टिकल डिस्क के बारे में बहुत ही उपयोगी जानकारी प्राप्त होगी, इसलिए इस लेख को पूरा अंत तक जरुर पढ़ें. तो चलिए बिना देरी के शुरू करते हैं आज का यह लेख.

ऑप्टिकल डिस्क क्या है इसके प्रकार (Type Of OptIcal Disk Drive In Hindi)

ऑप्टिकल डिस्क क्या है (What is Optical Disc in Hindi)

ऑप्टिकल डिस्क एक Secondary Storage Device होता है जिसमें कि डेटा को Permanently  स्टोर किया जा सकता है. ऑप्टिकल डिस्क में डेटा बाइनरी फॉर्म में स्टोर रहता है तथा इसमें डेटा को स्टोर करने के लिए लेजर बीम तकनीकी का इस्तेमाल किया जाता है. ऑप्टिकल डिस्क में डेटा को लम्बे समय तक सुरक्षित स्टोर करके रखा जा सकता है.

ऑप्टिकल डिस्क गोल चमकदार डिस्क होती है जिसका व्यास 3 इंच से 12 इंच तक हो सकता है. और इसकी मोटाई 0.05 इंच तक हो सकती है. आज के समय में ऑप्टिकल डिस्क का इस्तेमाल बहुत कम देखने को मिलता है.

लेकिन 5 – 10 साल पहले की बात करें तो ऑप्टिकल डिस्क एक लोकप्रिय स्टोरेज डिवाइस थी. ऑप्टिकल डिस्क के इस्तेमाल में कमी आने का सबसे बड़ा कारण इसकी स्टोरेज क्षमता है. और साथ में इन्टरनेट के प्रचलन से लगभग सभी चीजें इन्टरनेट पर प्राप्त हो जाती हैं इसलिए भी इस डिस्क का इस्तेमाल अधिक नहीं किया जाता है.

ऑप्टिकल डिस्क मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है – CD, DVD और Blue Ray. Blue Ray डिस्क आज के समय में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली ऑप्टिकल डिस्क है.

ऑप्टिकल डिस्क का इतिहास (History of Optical Disc in Hindi)

Hard Medium पर लाइट के द्वारा डेटा स्टोर करने की पहली तकनीकी का आविष्कार James T. Russell ने 1960 दशक के अंत में किया था. Russell की प्रारंभिक संरचना वर्तमान समय के ऑप्टिकल डिस्क से मिलती – जुलती थी.

1970 के दशक में Russell ने अपने डिजाईन को refine करना जारी रखा. यही से CD की शुरुवात होने लगी.

1982 में फिलिप्स और सोनी ने मिलकर पहला commercial CD player को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया. इसके बाद CD को लोकप्रियता हासिल होने लगी.

ऑप्टिकल डिस्क में हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD) या Solid State Drive (SSD) की तुलना में स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है, हालाँकि इसमें स्टोरेज क्षमता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं.

ऑप्टिकल डिस्क में डेटा स्टोर कैसे होता है

ऑप्टिकल स्टोरेज, इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज माध्यम जो डिजिटल (बाइनरी) डेटा को रिकॉर्ड करने और पुनर्प्राप्त करने के लिए कम-शक्ति वाले लेजर बीम का उपयोग करता है. ऑप्टिकल-स्टोरेज तकनीक में, एक लेजर बीम एक ऑप्टिकल, या लेजर, डिस्क पर डिजिटल डेटा को डिस्क की सतह पर एक spiral track में व्यवस्थित छोटे गड्ढों (Pits) के रूप में एन्कोड करता है.

इन छोटे गड्ढों को read करने के लिए एक कम-शक्ति वाले लेजर स्कैनर का उपयोग किया जाता है, जिसमें गड्ढों से reflected light की तीव्रता को electric signals में परिवर्तित किया जाता है. इस तकनीक का उपयोग कॉम्पैक्ट डिस्क (CD) में किया जाता है, जो साउंड रिकॉर्ड करता है. CD में इमेज, टेक्स्ट और साउंड को स्टोर किया जा सकता है.

ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव क्या है (What is Optical Disc Drive in Hindi)

ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव की मदद से ऑप्टिकल डिस्क में डेटा को Read और write करते हैं. ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव को ODD, Optical ROM, CD ड्राइव, DVD ड्राइव या Blue Ray Drive भी कहा जाता है. अलग – अलग ऑप्टिकल डिस्क को Read और write करने के लिए अलग – अलग ऑप्टिकल डिस्क ड्राइव का इस्तेमाल किया जाता है.

ऑप्टिकल डिस्क के प्रकार (Type of Optical Disk in Hindi)

ऑप्टिकल डिस्क अनेक प्रकार के होते हैं जिनमें से हम आपको 3 मुख्य प्रकार के ऑप्टिकल डिस्क के बारे में इस लेख में बताएँगे.

1 – कॉम्पैक्ट डिस्क/Compact Disc (CD)

Compact Disc एक ऑप्टिकल डिस्क होता है जिसमें डेटा को Permanently  Store किया जाता है. CD एक ऑप्टिकल ROM है, इसमें डेटा पहले से ही निर्माता कंपनियों के द्वारा स्टोर कर दिया जाता है, और यूजर CD में स्टोर डेटा को केवल read कर सकते हैं. CD में डेटा को read करने के लिए लेज़र लाइट का इस्तेमाल किया जाता है.

CD की स्टोरेज क्षमता लगभग 700 MB होती है जी Floppy डिस्क की तुलना में बहुत अधिक और DVD तथा Blue Ray Disc की तुलना में कम होती है.  

2 – डिजिटल वर्सेटाइल डिस्क/Digital Versatile Disc (DVD)

DVD जिसका कि पूरा नाम Digital Versatile Disc होता है. DVD की स्टोरेज क्षमता CD की तुलना में अधिक होती है. DVD की स्टोरेज क्षमता 4.7GB, 8.5GB और 20 GB तक हो सकती है.

DVD की स्टोरेज कैपेसिटी इसके Layer पर निर्भर करती है. DVD की लेयर Single, Double, Single side या Double Side हो सकती है. DVD में भी CD की भांति ही डेटा स्टोर करने के लिए लेज़र लाइट का इस्तेमाल किया जाता है. इसके हर लेयर में डेटा को स्टोर किया जाता है. CD की स्टोरेज क्षमता बहुत कम थी इसी के लिए DVD की जरुरत पड़ी.

3 – ब्लू रे डिस्क/Blue – Ray Disc

Blue Ray Disc एक प्रकार की Optical Disc है जिसमें हम बड़े आकार के डेटा को भी स्टोर कर सकते हैं. आजकल Blue Ray Disc का इस्तेमाल व्यापक रूप से Secondary Memory के लिए किया जाता है. DVD की भांति ही Blue Ray Disc में डेटा को लेयर में स्टोर किया जाता है. लेकिन DVD की एक लेयर में 4.7 GB डेटा को स्टोर किया जा सकता है लेकिन Blue Ray Disc की एक लेयर में 25 GB डेटा को स्टोर किया जा सकता है. Blue Ray Disc का इस्तेमाल HD विडियो को स्टोर करने के लिए किया जाता है.

ऑप्टिकल डिस्क के फायदे (Advantage of Optical Disc in Hindi)

ऑप्टिकल डिस्क के निम्न फायदे हैं –

  • ऑप्टिकल डिस्क Volatile और Non-Volatile मेमोरी की तुलना में अधिक टिकाऊ होती है. पॉवर सप्लाई बंद होने पर इसमें डेटा खोने का खतरा नहीं रहता है. ऑप्टिकल डिस्क सालों – साल तक सुरक्षित रहती है.
  • ऑप्टिकल डिस्क का इस्तेमाल विभिन्न कंप्यूटर और डिवाइस में किया जा सकता है. आप ऑप्टिकल डिस्क को अपने बैग में बड़ी आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं.
  • ऑप्टिकल डिस्क में स्टोर डेटा का यूजर बड़ी आसानी से अपने कंप्यूटर में बैकअप बना सकता है.
  • ऑप्टिकल डिस्क को बनाने की लागत कम होती है क्योंकि इसमें केवल प्लास्टिक और एल्युमीनियम का इस्तेमाल किया जाता है.

ऑप्टिकल डिस्क के नुकसान (Disadvantage of Optical Disc in Hindi)

ऑप्टिकल डिस्क के कुछ नुकसान भी हैं जो कि निम्न प्रकार से हैं –

  • अन्य प्रकार के स्टोरेज ड्राइव की तुलना में ऑप्टिकल डिस्क की कीमत प्रति जीबी/टीबी अधिक होती है. और उनके साथ तुलना करने पर इसमें बहुत अधिक स्टोरेज क्षमता नहीं होती है.
  • फ्लैश ड्राइव के विपरीत, ऑप्टिकल डिस्क किसी भी प्लास्टिक केसिंग द्वारा सुरक्षित नहीं होते हैं, जिससे थोड़ी सी खरोंच आने पर भी ऑप्टिकल डिस्क जल्दी ख़राब हो जाते हैं. Blue Ray को छोड़कर अन्य ऑप्टिकल डिस्क की स्टोरेज क्षमता बहुत कम होती है.
  • ऑप्टिकल डिस्क का इस्तेमाल करके डुप्लीकेट कॉपी बनाना आसान काम नहीं है.

ऑप्टिकल डिस्क से सम्बंधित सामान्य प्रश्न

ऑप्टिकल डिस्क का आविष्कार किसने किया?

ऑप्टिकल डिस्क का आविष्कार 1960 में James T. Russell ने किया था.

ऑप्टिकल डिस्क का उपयोग क्यों किया जाता है?

ऑप्टिकल डिस्क का इस्तेमाल डेटा स्टोरेज के लिए किया जाता है.

ऑप्टिकल डिस्क की स्टोरेज क्षमता कितनी होती है?

एक CD की स्टोरेज क्षमता 700 MB तक होती है, एक सिंगल लेयर DVD की स्टोरेज क्षमता 4.7 GB तक हो सकती है वहीँ एक Blue Ray Disc की स्टोरेज क्षमता 25 GB तक हो सकती है.

ऑप्टिकल डिस्क में डेटा स्टोर कैसे किया जाता है?

ऑप्टिकल डिस्क में डेटा लेज़र बीम के द्वारा स्टोर किया जाता है.

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आपने सीखा: ऑप्टिकल डिस्क क्या है हिंदी में

इस लेख को पढने के बाद आप लोग समझ गए होंगे कि Optical Disc Kya Hai In Hindi और इसमें डेटा को स्टोरेज कैसे किया जाता है. उम्मीद करते हैं आपको यह लेख जरुर पसंद आया होगा. आपसे निवेदन है कि इस लेख को अपने दोस्तों के साथ भी सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करें.

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